युगल जी, मैने कई बार सूरत में और अब यहाँ हैदराबाद में भी देखा है कि गणेश विसर्जन और कई हिन्दू त्यौहारों पर मुस्लिम संगठन द्वारा पानी पिलाने से लेकर बढ़ चढ़ कर धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सा लेते हैं. सारे मुस्लिम कट्टर हों ऎसा नही है.
श्रद्धा के लिए आस्था चाहिए, धर्म का आडंबर नहीं। साम्प्रदायिक सद्भाव ऐसे ही कायम होता है। हमारे गांव में ऐसे ही मिल जुलकर काम करते हैं। परंतु कुछ कट्टरपंथी इसे नहीं पसंद करते हैं। आज भी ताजिया सामूहिक रूप से निकाला जाता है और गाज़ी मियां की पूजा हिंदू लोग करते हैं।
युगल जी, आपने मेरे एक ब्लॉग-राष्ट्र और राष्ट्रभाषा-पर टिप्पणी लिखी थी और मैं आपकी टिप्पणी के सहारे आपके ब्लॉग पर जाना चाहता था। इसमें अनावश्यक रूप से अधिक समय लग गया क्योंकि कुछ अपरिहार्य आवश्यक व्यस्तता के कारण अन्य ब्लॉगों पर नहीं जा सका। अब नियमित रूप से ब्लॉग देखने का निश्चय कर लिया है और आपके कई नए और पुराने ब्लॉग भी पढ़े। आपने वर्ड प्रोसेसर संबंधी कुछ नई जानकारी दी और कसाब की फांसी के लिए क्या नूतन और नायाब सुझाव दिए हैं। बधाई।
युगल जी,
ReplyDeleteमैने कई बार सूरत में और अब यहाँ हैदराबाद में भी देखा है कि गणेश विसर्जन और कई हिन्दू त्यौहारों पर मुस्लिम संगठन द्वारा पानी पिलाने से लेकर बढ़ चढ़ कर धार्मिक अनुष्ठानों में हिस्सा लेते हैं. सारे मुस्लिम कट्टर हों ऎसा नही है.
सत्य कहा आपने सागर साहब
ReplyDeleteएक दुसरे के त्योहारों में एसे कार्य करने से ही साम्प्रदायिक सदभाव कायम होता है।
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ReplyDeleteश्रद्धा के लिए आस्था चाहिए, धर्म का आडंबर नहीं। साम्प्रदायिक सद्भाव ऐसे ही कायम होता है। हमारे गांव में ऐसे ही मिल जुलकर काम करते हैं। परंतु कुछ कट्टरपंथी इसे नहीं पसंद करते हैं। आज भी ताजिया सामूहिक रूप से निकाला जाता है और गाज़ी मियां की पूजा हिंदू लोग करते हैं।
ReplyDeleteयुगल जी, आपने मेरे एक ब्लॉग-राष्ट्र और राष्ट्रभाषा-पर टिप्पणी लिखी थी और मैं आपकी टिप्पणी के सहारे आपके ब्लॉग पर जाना चाहता था। इसमें अनावश्यक रूप से अधिक समय लग गया क्योंकि कुछ अपरिहार्य आवश्यक व्यस्तता के कारण अन्य ब्लॉगों पर नहीं जा सका। अब नियमित रूप से ब्लॉग देखने का निश्चय कर लिया है और आपके कई नए और पुराने ब्लॉग भी पढ़े। आपने वर्ड प्रोसेसर संबंधी कुछ नई जानकारी दी और कसाब की फांसी के लिए क्या नूतन और नायाब सुझाव दिए हैं। बधाई।
ReplyDeleteधन्यवाद दलसिंगार जी
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